हमें ना वफ़ा मिली, ना बेवफाई मिली,
हम अपना गम जताए भी कैसे,
हाथों की लकीरों का लिखा मिटायें भी तो कैसे,
जो हाथ छूट गया वो भुलाएं भी कैसे,
दिल मे हे गम, लबों पेय हँसी लाये भी तो कैसे,
बेवक्त हो जाती हे आँखें नम छुपायें भी तो कैसे,
अकेलेपन से लगता हे खौफ्फ़ मुझको, नए दोस्त बनाएं भी तो कैसे!!
--
Aashish "Joy Madhukaran"
Aug 29 2006
हम अपना गम जताए भी कैसे,
हाथों की लकीरों का लिखा मिटायें भी तो कैसे,
जो हाथ छूट गया वो भुलाएं भी कैसे,
दिल मे हे गम, लबों पेय हँसी लाये भी तो कैसे,
बेवक्त हो जाती हे आँखें नम छुपायें भी तो कैसे,
अकेलेपन से लगता हे खौफ्फ़ मुझको, नए दोस्त बनाएं भी तो कैसे!!
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Aashish "Joy Madhukaran"
Aug 29 2006
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